चोर पुराण
हिन्दी के कवि और यूनीवार्ता के पत्रकार विमल कुमार को रिपोर्टिंग के लिए संसद जाने का मौका मिला तो उनका परिचय नित एक नए पात्र से हुआ .. वो पात्र जो चोर था लेकिन सफेदपोश था ..उसका बोलबाला इतना था कि उसे पकड पाना मुमकिन नहीं ...ये चोर अपनी सत्ता को बचाए रखने में यकीन करना जानते हैं । लेकिन संसद के गलियारों के बाहर उन्हें वे चोर भी मिले तो अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए चोरी करते हैं । ये चोर व्यवस्था की उपज हैं । विमल जी ने इन चोरों की कहानियों के गौर से सुना और सुनने के बाद लिख डाला एक पुराण... चोर पुराण.. जिसमें चोरों की वंदना है , मंगला चरण है , प्रधानमंत्री के साथ उनका संवाद है तो लालू और नीतीश के साथ बातचीत भी ... अपना कोना में हम लाए हैं पुराण की कुछ पाती... ---------- ----------- राजनीति में इमानदारी का नाटक देखकर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय वाले दंग रह गए । वे सोचने लगे ऐसा अभिनय तो वो भी नहीं कर पाते हैं । इस्तीफे का नाटक तो पता ही नहीं चल रहा है । लगता है ये सच्ची घटना है । चोर ने एनएसडी को सलाह दी कि वो अपने छात्रों को कुछ दिनों के प्रशिक्षण के लिए राजनीतिज्ञों के पास भेज दें । वहां से लौटने पर वो अभिनय में पक्के हो जाएंगे । पाद टिप्पणी...सुना है एनएसडी ने अपने नाटकों में राजनीतिज्ञों को गेस्ट आर्टिस्ट के तौर पर बुलाना शुरु कर दिया है । -------------- -------------- चोर जब मरे तो सरकार ने उन्हें ताबूत में रखकर दफना दिया । पर वे सारे ताबूत चोरी के थे । पुलिस आई और चोरों को मुर्दा पकड़ कर ले गई .. ------------ ------------ चोरों ने बीजेपी से प्रभावित होकर धर्मग्रंथों की दुहाई देते हुए कहा -- कृष्ण हमारे आदिपुरुष हैं और यही हमारी गौरवशाली परंपरा है क्योंकि वे बचपन में माखन चोर थे । ------------- ------------- सारे चोर इस बात से परेशान थे कि अब भी कुछ लोग क्यों है धरती पर इमानदार इमानदार लोगों के कारण ही उन्हें कहा जाता है चोर इसलिए चोर इमानदारों को भी चोर साबित करने पर तुले हुए हैं .. --------------- --------------- चोर और राष्ट्रपिता.. राजघाट पर कुत्ते घुमाने की घटना से आहत एक चोर ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया कि जब आप अमेरिका जाएं तो अपने साथ कुछ बंदर और लंगूर भी ले जाए । चोर का यह सुझाव पीएमओ को इतना बुरा लगा कि अगले दिन पुलिस उसके घर आई और पकड कर ले गई.. पाद टिप्पणी.. प्रधानमंत्री के मन में राष्ट्रपिता के लिए सम्मान हो या ना हो..एक चोर के मन में राष्ट्रपिता के लिए काफी सम्मान है । ----------------- -----------------
5 comments:
वाह चोर पुराण तो वाकई बहुत अच्छा लगा...
प्रधानमंत्री के मन में राष्ट्रपिता के लिए सम्मान हो या ना हो..एक चोर के मन में राष्ट्रपिता के लिए काफी सम्मान है ।
अच्छा व्यंग्य किया है...
सुनीता(शानू)
शायर का नाम ठीक से याद नही ( शायद अदम गौंडवी )- एक शेर है :
गलत बाज़ार की ज़ानिब चले आये हैं हम शायद,
चलो संसद मेँ चलते हैं, वहां भी 'सेल' होती है.
चोर- पुराण अच्छा रहा,
अरविन्द चतुर्वेदी
भारतीयम्
बढ़िया।
जय चोरो की!!!! जय चोर पुराण की!!!!
आ गया पटाखा हिन्दी का
अब देख धमाका हिन्दी का
दुनिया में कहीं भी रहनेवाला
खुद को भारतीय कहने वाला
ये हिन्दी है अपनी भाषा
जान है अपनी ना कोई तमाशा
जाओ जहाँ भी साथ ले जाओ
है यही गुजारिश है यही आशा ।
NishikantWorld
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