Saturday, April 7, 2007

हाय रे बीसीसीआई की बैठक

सचिन तेंदुलकर को बीसीसीआई ने नोटिस थमा दिया और साथ में युवराज को भी । लेकिन द्रविड की कप्तानी बच गई । चैपल को चपत के जगह मिली थपथपी .. वेंकटेश प्रसाद और रॉबिन सिह के साथ साथ रवि शास्त्री को मिला नया एसाइनमेंट.. क्या इसी के लिए बीसीसीआई की बैठक हुई थी । होना था हार का पोस्टमार्टम लेकिन उसके लिए बस एक लाइन काफी था । हम खराब खेले। बस इससे ज्यादा क्या कहना था । उसके लिए न तो कोई जिम्मेदार ठहराया गया और न ही किसी ने पाकिस्तानियों की तरह जिम्मेदारी लेते हुए खुद से इस्तीफा ही दिया । पाकिस्तान को देखिए कप्तान इंजमाम ने आयरलैंड के साथ हारने के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया। पीसीबी के चेयरमैन और सेलेक्टर्स ने भी इस्तीफा दे दिया । लेकिन डालमिया के खिलाफ इतनी मुश्किल से मिली कुर्सी क्या इसी दिन के लिए हासिल की थी पवार साहब ने । भला बताइए टीम खराब खेली तो उनका क्या कसूर .. वो क्यों इस्तीफा दें.. और चैपल की भी क्या गलती थी । वो बेचारे तो ड्रेसिंग रुम से तमाशा देख रहे थे । खराब खेला अगर कोई तो वो था युवराज और तेंदुलकर ..है ना चैपल जी.. असल में गोरी चमड़ी से हम इतने दबे हुए हैं कि उसकी बात से आगे सोच ही नहीं पाते । युवराज और सचिन को लेकर चैपल की नाराजगी जग जाहिर है और दोनो को इसी का खामियाजा भुगतना पडा । दोनो अब नोटिस का जवाब देंगे । और मै आपको पहले ही बता देता हूं सचिन को बांग्लादेश के खिलाफ ड्राप कर दिया जाएगा । आप चाहे तो मुझसे बाजी लगा लीजिए.. सचिन और युवराज ने अगर मीडिया में कोई बयान दिया और वो कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ है दीजिए उनको नोटिस.. लेकिन ये नोटिस उसी दिन क्यों नहीं दिया था । युवराज ने क्या खता कि मुझे तो याद भी नहीं । असल में चैपल के चांटा मारने की जगह आपने उनकी गलत बात को भी सही साबित किया। उन्हें क्यों नहीं नोटिस दिया कि राजन बाला को एसएमएस क्यों भेजा । मीडिया में अपनी रिपोर्ट क्यों लीक की । या कॉरपोरेट फिल्म की बिपाशा बासु उनके जीवन में आई जिसने लैपटॉप से रिपोर्ट चुरा ली । बोर्ड के पास न तो जवाब है और न ही वो हिम्मत दिखा पाएगी चैपल को नोटिस भेजने की । और अगर भेजेगी भी तो चैपल उन्हें दिखाएंगे ठेंगा । इसलिए धर्म के तराजू पर सबको बराबर ट्रीट करने की जगह करवा दी अपने ही खिलाडियों की फजीहत। अरे सेलेक्टर महोदय आप सचिन का नहीं भारतीय क्रिकेट का नुकसान कर रहे हैं । सचिन आज जिस स्तर पर पहुंच चुके हैं वहां उनकी इमेज को खराब करना इन तुच्छ बोर्ड मेंबरों के बस की बात नहीं है । ये नोटिस भेजा गया सचिन को लेकिन इसके आतंक में पूरी टीम होगी । सिवाय द्रविड के । कप्तानी तो कर नहीं पाए। टीम को संभाल नहीं पाए चले लीडर बनने । लेकिन इतने के बाद अगर आपको लगता है कि टीम का भविष्य उज्ज्वल हैं तो जरा ठहर के । बांग्लादेश में हम जीतेंगे और भूल जाएगे कैरिबियन दौरे में हार का गम .. और लौट आएगे पुरान ढर्रे पर .. क्योंकि देश की जनता की तरह अपनी टीम पर लगा है लेबल.. हम नहीं सुधरेंगें।

5 comments:

Tarun said...

मीहिर, अपने बोर्ड के लिये तो शोले का डॉयलाग फिट बैठता है, कौन सा? अरे वो ही - सुनो गांव वालों ठाकुर ने (कुछ तो था यहाँ पर) फौज बनायी है। चिंता मत करो बहुत जलद इसका भी हाकी जैसा हाल हो जायेगा और सबको मुक्ति मिल जायेगी।

पंकज said...

मिहिर जी, बीसीसीआई की बैठक में होना तो पोस्टमार्टम ही था। पर जो हुआ उसके लिए तो अब ''पोस्ट मारें हम'' कहना ही ठीक है। ;)

sanjay patel said...

हाय रे बीसीसीआई की बैठक....मिहिर भाई आपको ऐसा नहीं लगता कि ये सारे लोग मिले हुए हैं.देश का सबसे धनपति संगठन क्या बेहतरीन मजे मार रहा है...कभी क्भी लगता है कि बोर्ड,खिलाडी,मीडिया,चैनल्स,सब एक ही थैले के चट्टे - बट्टे हैं...मुझे तो लगता है कि हमें तो इन पर चर्चा ही करना ही छोड देना चाहिये...आखिर हम ही तो इन्हे सुर्खियों में लाते हैं...आपने ठीक फ़रमाया कि सचिन को नोटिस देने का कारण पूरे देश में अपनी दादागिरी से आतंक फ़ैलाना है....धमक जाएं सारी टीम और अन्नदाता बोर्ड तो मुजरा पेश करती नज़र आए...स्कूल के दिनो की प्रार्थना याद आ गयी....
हे प्रभो आनन्ददाना ग्यान हमको(जी नहीं...उनको )हमको दीजिय.
जय भारत...जय बीसीसीआई.

क्षितिज said...

मीहिर बाबु--तेज चैनल में काम करते करते आप भी तेजिया गये हैं..अरे ईधर खबर आई और उधर आपने ब्लाग लिख डाला..अरे भई यंहा पर तो खबरों का पीछा छोड़ दीजिये...शुभकामनायें...

क्षितिज said...
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