Sunday, March 25, 2007

मत हो इमोशनल...

हमलोग इतने इमोशनल क्यों हैं । टीम वेस्टइंडीज में हार गई तो लगे स्यापा करने । अरे भई खेल में हार जीत तो लगा रहता है । तो एक बार और हार गए तो क्या हो गया । वेस्टइंडीज सीरीज याद है या फिर भूल गए । कुछ ही महीनों पहले की बात है । तब हारे थे तो किसी ने धोनी का घर तोडा था ? किसी ने पुतला जलाया था और किसी ने टीम इंडिया की अर्थी निकाली थी ? नहीं । तो अब क्यों । सिर्फ इसलिए कि ये वर्ल्ड कप था और टीम को ये जीतना चाहिए थे । तो भैया आपके इमोशन का खिलाडियों ने ठेका लिया है क्या ? क्या उन खिलाडियों ने कहा है कि वो जो भी करे .. उसका महिमामंडन करो । देवता की तरह पूजा करो । और अगर अपने मन से करते हो तो फिर इतना दर्द क्यों होता है दिल में । दिल को मजबूत बनाओ न भाई । पेशे की तरह खेल को खेलो । जीत गए तो अच्छा, नहीं जीते तो अच्छा । लेकिन हम हैं बेशर्म । खुद तो खेल नहीं पाए । बांग्लादेश से पीटे । श्रीलंका के खिलाफ धूल चाटा । इसके बाद प्रभु से मना रहे हैं । हे देवता बरमूडा को जीता दो । बांग्लादेश को हरा दो । हाय रे हमारी किस्मत । अरे भई अपनी गली के शेर हैं । बाहर निकले तो एक मरियल कुत्ता भी उन्हें काट लेता हैं । और एक नहीं पूरी टीम को रेबीज का इंफेक्शन हो जाता है । अगर आप चाहते हैं कि टीम वाला रेबीज का कीड़ा आपको नही काटे तो मेरी तरह हर बार टीम इंडिया के हारने पर शर्त लगाए । यकीन मानिए हर बार आप ही जीतेंगे ।

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