टीम इंडिया की हार को खिलाड़ियों के मत्थे आप क्यों मढ रहे हैं । सत्येन्द्र जी आपको बताएंगे कि अपने लाडलों के लिए हम छाती क्यों नहीं पीटे । कोलकाता में सन्मार्ग से इनकी जो गाड़ी खुली वो इटीवी के दफ्तर, हैदराबाद और सहारा नोएडा होते हुए वीडियॉकॉन टावर, यानी आजतक की गुमटी पर आज रुकी हुई है । यहां बत्ती रेड हैं । इसलिए रुके हुए हैं । डेढ दशक से भी ज्यादा हो गए इन्हें के फैक्टर( कलम और की-बोर्ड ) से जूझते हुए .. लेकिन जोश आज भी कम नहीं है ..
टीम इंडिया की हार के दस कारण
सत्येन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव
करे कोई भरे कोई। टीम इंडिया के साथ भी यही हुआ। बरमूडा ने बांग्लादेशों के हाथों हार भारत की नाक कटवा दी। अब बरमूडा नहीं जीता तो इसमें हमारे रणबांकुरों का क्या कसूर। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर इस हार का जिम्मेदार कौन है--कोच, कप्तान, खिलाड़ी? सीधे किसी को दोषी ठहराने की जगह क्यों न हम ठीक से इसकी पड़ताल करें कि आखिर टीम क्यों हार गई।
1. बरमूडा में अच्छे खिलाड़ियों का न होना। भला इतनी कमजोर टीम कोई देश भेजता है। अगर बरमूडा की टीम ठीक होती तो वो ग्रुप राउंड के आखिरी मैच में बांग्लादेश को जरूर हरा देती और फिर भारत आराम से पहुंच जाता सुपर एट में। बरमूडा को किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाना चाहिए। अगर बरमूडा के खिलाड़ियों के नाम और शक्ल याद रहते तो उनके पुतले फूंके जा सकते थे।
2. दूसरा कारण तो अब सर्वविदित हो गया है। दूसरी वजह हैं इंदिरा गांधी। इस पर ज्यादा चर्चा की गुंजाइश नहीं है। अब ये सबको पता चल गया है कि अगर उन्होंने बांग्लादेश नहीं बनवाया
होता तो पहले मैच में भारत को झटका नहीं लगता।
3. भारत की हार की एक अहम वजह सेना की लापरवाही भी रही। टीम के लिए कमांडो ट्रेनिंग में ढील बरती गई। अगर कमांडो ट्रेनिंग ठीकठाक हुई होती तो शायद बात कुछ और होती। ट्रेनिंग के फुटेज खूब दिखाए गए लेकिन मुझे नहीं लगता कि ट्रेनिंग जोरदार हुई होगी। कम से कम खिलाड़ियों की फील्डिंग देख कर तो ऐसा ही लगा।
4. लोगों ने जप-तप-पूजा-पाठ तो खूब किए लेकिन इसमें नियमों का पालन ठीक से नहीं किया गया। पूजा पाठ भगवान के लिए कम कैमरों के लिए ज्यादा किए गए। यही वजह रही कि देवता आशीर्वाद देने की जगह नाराज़ हो गए।
5. लोगों ने गाना तो खूब गाया लेकिन बेसूरा। बप्पी दा ने एलबम रिलीज करने के पहले ही टेलीविजन स्टूडियो में बेसूरा गाना सुनाया। टीम के खिलाड़ियों का मन उचट गया। अति तो तब हो गई, जब राखी सावंत ने भी गाना गा दिया। सब गा रहे थे, सभी गायक बन गए थे। इतने गाने कि क्रिकेटरों का सिर दुखने लगा। नतीजा सामने है।
6. राखी ने कह दिया कि कप लेकर लौटे तो एयपोर्ट पर डांस करूंगी। खिलाड़ियों को इतनी नैतिक गिरावट पसंद नहीं थी.
7. सातवां कारण भी राखी सावंत ही है। कह दिया कि कप लेकर लौटने पर सभी खिलाड़ियों को एक-एक पप्पी देगी। खिलाड़ियों की पत्नियों ने साफ चेतावनी दे दी थी। अब राखी की
पप्पी से बचने का यही उपाय था।
8. टीम 2011 के वर्ल्ड कप पर ध्यान केंद्रित कर रही है, इसलिए इस बार उसे हार का मुंह देखना पड़ा।
9.नौवां कारण वेस्ट इंडीज में एड शूटिंग का कोई इंतजाम नहीं था। रैंप पर चलने की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। इससे खिलाड़ियों का तारतम्य बिगड़ गया। उनकी लय टूट गई।
10.दसवां कारण बरमूडा के खिलाड़ी जब बांग्लादेश से मुकाबले से पहले भारतीय खिलाड़ियों से मिलने पहुंचे, तो उन्हें साफ चेतावनी मिली की बांग्लादेश को हरा कर दोबारा उन्हें वर्ल्ड कप के चक्कर में मत फंसा देना। बड़ी मुश्किल से इस झमेले से निकले हैं। जितनी गालियां सुननी थी, वो भी सुन चुके हैं। इसलिए दोबारा इसमें फंसने का कोई मतलब नहीं। बरमूडा के खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों की बहुत इज्जत करते हैं, बात मान ली।
कारण और भी हैं लेकिन अब कितना बताएं.........
2 comments:
:-) :-)
वाह! लाजवाब.. काश कि ये हमारे धुरंदर खिलाडी भी पढ़ पाते तो बेचारों को लोगो के सामने आकर सफाई देने के लिए कुछ शब्द और कारण मिल जाते..
उसके बाद इनका क्या होता से तो सब समझ ही सकते है....
और साथ ही हर चैनलों को एक पूरे दिन का भरपूर मसाला मिल जाता... HAHA :))
प्रियांका
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